श्रील भक्तिरत्न साधु स्वामी
प्रणाम मन्त्र :
नम: ॐ गौरांगपादाय निताइ प्रेष्ठाय भूतले |
श्रीमते भक्तिरत्न साधु इति नामिने||
वेद-शास्त्रे अति गुह्य सर्वापराध भंजकः |
नित्यानंद-गौरांग नाम-प्रेम प्रकाशिने ||
मैं श्रील भक्तिरत्न साधु महाराज के चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम यापन करता हूँ, जोकि श्रीमन्गौरांग महाप्रभु के प्रति पूर्णरूपेण शरणागत होने के कारण, इस भूतल पर नित्यानंद प्रभु के परम प्रिय प्रेष्ठ हैं| वेद-शास्त्रों में जिसे अत्यंत गुह्यरूप में केवल इंगित मात्र किया गया है, तथा जो (केवल एक बार उच्चारण मात्र से) जीव के अनंतकोटी अपराधों का भंजन करने में निपुण है – ऐसे ‘नित्यानंद’ तथा ‘गौरांग’ नाम तथा इन नामद्वय के प्रति प्रेम को वे सर्वत्र प्रकाशित करते हैं|
नम: ॐ गौरांगपादाय निताइ प्रेष्ठाय भूतले |
श्रीमते भक्तिरत्न साधु इति नामिने||
वेद-शास्त्रे अति गुह्य सर्वापराध भंजकः |
नित्यानंद-गौरांग नाम-प्रेम प्रकाशिने ||
मैं श्रील भक्तिरत्न साधु महाराज के चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम यापन करता हूँ, जोकि श्रीमन्गौरांग महाप्रभु के प्रति पूर्णरूपेण शरणागत होने के कारण, इस भूतल पर नित्यानंद प्रभु के परम प्रिय प्रेष्ठ हैं| वेद-शास्त्रों में जिसे अत्यंत गुह्यरूप में केवल इंगित मात्र किया गया है, तथा जो (केवल एक बार उच्चारण मात्र से) जीव के अनंतकोटी अपराधों का भंजन करने में निपुण है – ऐसे ‘नित्यानंद’ तथा ‘गौरांग’ नाम तथा इन नामद्वय के प्रति प्रेम को वे सर्वत्र प्रकाशित करते हैं|
श्रील
भक्तिरत्न साधु स्वामी श्रीकृष्ण-ब्रह्म-मध्व-गौड़ीय-विनोद-सारस्वत वैष्णव
सम्प्रदाय में दीक्षित ३८वी पीढ़ी के त्रिदण्डि सन्यासी तथा राधाकुंड (मथुरा)के निवासी हैं| उन्होंने सन १९८९-१९९४ में भारत के सुविख्यात भारतीय
प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से
विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि अर्जित की है|
वे अनेक
आध्यात्मिक ग्रंथों के रचयिता, प्रमुख
अंतर्राष्ट्रीय कथा-वक्ता, धर्म-शिक्षक
तथा धर्माचार्य हैं| वे
निताइ गौर नाम सोसाइटी
के
संस्थापक हैं| उनके
दीक्षागुरु श्रील भक्तिशास्त्री परमपद दास महाराज हैं तथा संन्यास गुरु श्रील
भक्तिकुमुद संत गोस्वामी महाराज हैं| यह दोनों
ही श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद के शिष्य हैं|
उनके जीवन
में पांच शिक्षा गुरु प्रमुख हैं – श्रील
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद, श्रील
भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद, श्रील
भक्तिविनोद ठाकुर, श्रील
कृष्णदास कविराज तथा श्रील वृन्दावन दास ठाकुर|
किसी भी
आध्यात्मिक प्रश्न के उत्तर प्राप्ति हेतु अथवा दीक्षा प्राप्ति हेतु उनसे यह
ई-मेल द्वारा NitaiGaurNam@gmail.com संपर्क
किया जा सकता है|
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