श्रीमन्पुरिपाद द्वारा प्रदत्त मन्त्र
प्रश्न: दामोदर स्वरुप दास : श्री चैतन्य भागवत अ॰ १७ में वर्णित है की भगवान्
गौरांग-कृष्ण ने समस्त जीवों के आदिगुरु होकर भी श्रील पुरिपाद से दशाक्षर मन्त्र
दीक्षा प्राप्त की| यह दशाक्षर मंत्र कौन सा है?
उत्तर:
यह दशाक्षर गोपाल मंत्र है: ‘गोपीजन वल्लभाय स्वाहा’ – ‘गो-पी-ज-न-व-ल्ल-भा-य-स्वा-हा’
– इस प्रकार से इस मन्त्र में १० अक्षर हैं|
यह
दशाक्षर गोपाल मन्त्र गोपाल-तापिनी उपनिषद तथा हरिभक्ति-विलास में उद्धृत अष्टदशाक्षर
मंत्र का अंश है| यह अष्टदशाक्षर मंत्र ही हमारे विनोद–सारस्वत परंपरा में गायत्री
दीक्षा काल के समय शिष्य को प्रदान किया जाता है – क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय
गोपिजनवल्ल्भाय स्वाहा |
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